बागेश्वर धाम कहा है?
बागेश्वर धाम भूत भवन महादेव और स्वयंभू श्री बालाजी सरकार का एक चमत्कारी जीवंत स्थान है। श्री बालाजी महाराज का यह मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में गाँव-गढ़ा पोस्ट-गंज स्थित है। यहां कई तपस्वियों ने तप किया है और इसलिए यह धाम अत्यंत पवित्र है। यहां स्थित बालाजी महाराज के दर्शन से लोग अपनी समस्याओं से राहत पाते है। यहां एक अर्जी के माध्यम से बालाजी महाराज लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उन्हें उनके धर्म गुरु पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज के द्वारा समाधान कराया जाता है। इसलिए दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से इसे जानती है।

बागेश्वर धाम: क्या आप जानते हैं किसने रचा इस पावन स्थल को?
बागेश्वर धाम का निर्माण श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर समिति द्वारा किया गया था। इस मंदिर समिति को स्थापित करने का उद्देश्य यह था कि बागेश्वर में समुदाय के लोगों को अपनी धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मंदिर का निर्माण करना चाहिए। इस प्रकार श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर समिति ने बागेश्वर धाम का निर्माण किया।
जानिए बागेश्वर धाम के रहस्यमय और प्राचीन इतिहास को।
बागेश्वर जिला के पूर्व में एक क्षेत्र था जिसे दानपुर के नाम से जाना जाता था। यह क्षेत्र 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में कत्यूरी राजवंश द्वारा शासित था। 13 वीं शताब्दी में कत्यूरी राजवंश के विघटन के बाद इस क्षेत्र के अधीन बैजनाथ कत्यूरी के शासन में आया।
बागेश्वर धाम भगवान हनुमान की कृपा के लिए प्रसिद्ध है। बागेश्वर धाम बहुत से संतों की दिव्य भूमि है, जहां लोग बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद को दर्शन करने से ही प्राप्त करते हैं। भक्त भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद के लिए भारत के सभी राज्यों से आते हैं।
बागेश्वर धाम की शक्तियो का रहस्य क्या है?
कहा जाता है कि 26 साल के बागेश्वर धाम के ‘बाबा’ धीरेंद्र शास्त्री बिना किसी को बताए भी समस्या को समझ जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस आत्मसंयमी बाबा लोगों की समस्याओ को पूछे बिना ही कागज पर लिख देते हैं।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सभी भक्तों की पीड़ा का समाधान बताते हैं जो धाम में आते हैं। यदि आप किसी असुर आत्मा के शिकार हैं और किसी ने आप पर काला जादू किया है तो बागेश्वर धाम आकर आप इन भूत-प्रेतों से छुटकारा पा सकते हैं।
बागेश्वर धाम का मालिक कौन है? जानिए इस श्रेणी में।
भागेश्वर धाम के मालिक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हैं। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (जन्म: 4 जुलाई 1996 को धीरेन्द्र कृष्ण गार्ग के नाम से है ) भारत में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक धार्मिक तीर्थस्थल भागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश हैं।
धीरेंद्र शास्त्री क्यों प्रसिद्ध हैं?

धीरेंद्र शास्त्री पौराणिक ग्रंथ रामचरितमानस और शिव पुराण का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। वह रामभद्राचार्य के शिष्य हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित हिंदू तीर्थस्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीशवर के रूप में सेवा की है। धीरेंद्र शास्त्री को रामचरितमानस और शिव पुराण के विस्तृत ज्ञान के लिए जाना जाता है।
बागेश्वर धाम की किस वजह से हो रही है चर्चा और क्यों है ये महत्वपूर्ण?
“एक दिव्य भजन – कण कण में विष्णु बसे जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान”
करीब 300 साल पहले एक सन्यासी बाबा ने मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा शुरु की थी। आज बालाजी महाराज के कृपा पात्र, श्री दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। भगवान अपने भक्तों का कष्ट हरने के लिए अपने दूतों को भेजते हैं। बालाजी के वो भक्त हैं जिनपर उनकी असीम कृपा है। बागेश्वर धाम सरकार उनके परम भक्त हैं जो उनकी शरण में आते हैं। जो भी बालाजी महाराज की शरण में अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसे बालाजी महाराज अपने परम भक्त बागेश्वर धाम सरकार के माध्यम से पूर्ण करवाते हैं।
बालाजी महाराज के आशीर्वाद से महाराज श्री बागेश्वर धाम सरकार की ख्याति बहुत है। उनकी कथाएं और दरबारों में श्रद्धालु लोग भारी संख्या में जाते हैं। महाराज श्री के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए लोग देशभर से उनकी कथाओं में आते हैं और उनकी दिव्यवाणी सुनते हैं।
पूज्य गुरुदेव का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री रामकृपाल जी महाराज था और माता सरोज भक्तिमति थीं। उनका बचपन गरीबी और तंगहाली में बीता था। उनका परिवार कर्मकांडी ब्राह्मणों का था जिसके कारण जब पूजा पाठ में दक्षिणा मिलती तो उसी से परिवार चलता था। इस वजह से उनकी शिक्षा भी अधूरी रह गई। उनके तीन भाई-बहन थे और सबसे बड़े गुरुदेव ने अपने परिवार की व्यवस्था करने में अपना पूरा बचपन बिताया।
इस वाक्यांश में बताया गया है कि पूज्य गुरुदेव बालाजी महाराज के दादा जी श्री श्री 1008 दादा गुरु जी महाराज के सानिध्य में जाने के बाद सन्यासी बाबा बन गए और धाम की महिमा फैलाने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। उन्होंने मानव जाति के कल्याण और समाज कल्याण के कार्यों को प्रोत्साहित किया और अपने संकल्प के साथ समय देकर मानवता की सेवा की। आज भी लाखों लोग उनकी कीर्ति याद रखते हैं और उनकी विचारधारा के अनुसार जीवन जीते हैं।
पूज्य गुरुदेव धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के संकल्प: मानवता के कल्याण के लिए निरंतर संकल्पित
पूज्य गुरुदेव के संकल्प एक खास शीर्षक है जो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के संकल्पों को समझाता है। उनके संकल्प से समाज कल्याण और लोक कल्याण की नई परिभाषा बनी है। उनके संकल्प के उदाहरण बागेश्वर धाम में चल रहे अन्नपूर्णा रसोई, गरीब और बेसहारा बेटियों का विवाह, धाम परिसर में गुरुकुल, बागेश्वर बगिया के रूप में पर्यावरण संरक्षण, नारा-गौशाला जैसे गौरक्षा के उपाय और रहने-खाने से शिक्षा की व्यवस्था तक शामिल हैं। इन संकल्पों को लोगों ने अपनाया है और अब देश-विदेश से भी श्रद्धालु इन संकल्पों से जुड़ते जा रहे हैं।